पीएम विश्वकर्मा ट्रेनिंग सेंटर लिस्ट: पीएम विश्वकर्मा योजना के ट्रेनिंग सेंटर कहां हैं? जानें लिस्ट चेक करने का तरीका

पीएम विश्वकर्मा ट्रेनिंग सेंटर लिस्ट – भारत सरकार द्वारा सितंबर 2023 में शुरू की गई पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को बढ़ावा देना है। यह योजना विशेष रूप से उन लोगों को समर्पित है, जो हस्तशिल्प और पारंपरिक कार्यों में अपनी आजीविका कमाते हैं। योजना के तहत सरकार न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करती है, बल्कि कौशल विकास, ब्रांडिंग, और उत्पाद विपणन में भी मदद करती है।

योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा देना और उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है। यह योजना ‘वोकल फॉर लोकल’ के आदर्श को सशक्त बनाती है।


पीएम विश्वकर्मा ट्रेनिंग सेंटर लिस्ट कैसे देखें?

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत सरकार ने देशभर में कई ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किए हैं, जहां कारीगरों को उन्नत प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता दी जाती है।
ट्रेनिंग सेंटर की लिस्ट देखने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:

  1. सरकारी वेबसाइट पर जाएं:
    पीएम विश्वकर्मा योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://pmvishwakarma.gov.in पर जाएं।
  2. ट्रेनिंग सेंटर सेक्शन का चयन करें:
    होमपेज पर ‘ट्रेनिंग सेंटर’ या ‘लिस्ट ऑफ ट्रेनिंग सेंटर्स’ नामक विकल्प पर क्लिक करें।
  3. राज्य और जिला चुनें:
    अपनी पसंद के राज्य और जिले का चयन करें।
  4. लिस्ट डाउनलोड करें:
    चयन के बाद ट्रेनिंग सेंटर की सूची डाउनलोड करें और पता करें कि आपके नजदीकी केंद्र कहां स्थित हैं।

पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभ

इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को निम्नलिखित सुविधाएं मिलती हैं:

  1. वित्तीय सहायता:
    कारीगरों को ₹1 लाख तक का बिना गारंटी का लोन और ₹2 लाख का सब्सिडी वाला लोन मिलता है।
  2. प्रशिक्षण और कौशल विकास:
    कारीगरों को आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाता है।
  3. ब्रांडिंग और मार्केटिंग सहायता:
    उत्पादों की ब्रांडिंग और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बिक्री के लिए सरकार मदद करती है।
  4. उन्नत उपकरण:
    कारीगरों को उनके कार्य के लिए अत्याधुनिक उपकरण प्रदान किए जाते हैं।
  5. इंश्योरेंस और पेंशन योजना:
    लाभार्थियों को बीमा कवर और पेंशन योजनाओं का लाभ मिलता है।

पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए पात्रता

योजना का लाभ पाने के लिए निम्नलिखित पात्रता शर्तें निर्धारित हैं:

  1. आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
  2. आवेदक की आयु 18-50 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  3. आवेदक को किसी पारंपरिक कार्य में कुशल होना चाहिए।
  4. योजना के तहत प्राथमिकता उन लोगों को दी जाती है, जो बीपीएल (गरीबी रेखा के नीचे) श्रेणी में आते हैं।

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत शामिल व्यवसाय

योजना में 18 पारंपरिक कार्य शामिल हैं, जैसे:

  1. बढ़ई
  2. लोहार
  3. कुम्हार
  4. दर्जी
  5. सुनार
  6. बुनकर
  7. मोची
  8. मछली पकड़ने के उपकरण निर्माता
  9. खिलौना निर्माता
  10. पत्थर तराशने वाले
  11. तेल निकालने वाले
  12. धोबी
  13. नाई
  14. पुस्तक बाइंडर
  15. बांस शिल्पकार
  16. मूर्तिकार
  17. हस्तशिल्प कारीगर
  18. अन्य पारंपरिक कारीगर

पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज

योजना के लिए आवेदन करने हेतु निम्नलिखित दस्तावेज अनिवार्य हैं:

  1. आधार कार्ड
  2. निवास प्रमाण पत्र
  3. आय प्रमाण पत्र
  4. पासपोर्ट साइज फोटो
  5. बैंक खाता विवरण
  6. व्यवसाय प्रमाण पत्र

पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया (Online Apply)

योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया बहुत सरल और डिजिटल है। आवेदन करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  1. वेबसाइट पर रजिस्टर करें:
    https://pmvishwakarma.gov.in पर जाएं और नए उपयोगकर्ता के रूप में पंजीकरण करें।
  2. फॉर्म भरें:
    आवश्यक जानकारी और दस्तावेज अपलोड करें।
  3. डिटेल्स सबमिट करें:
    फॉर्म भरने के बाद ‘सबमिट’ बटन पर क्लिक करें।
  4. स्टेटस ट्रैक करें:
    आवेदन के बाद अपने फॉर्म का स्टेटस चेक करने के लिए वेबसाइट पर लॉगिन करें।

पीएम विश्वकर्मा योजना का महत्व

यह योजना न केवल कारीगरों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करती है, बल्कि देश के सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में भी योगदान देती है। यह योजना भारत की समृद्ध हस्तशिल्प और पारंपरिक शिल्पकारी को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


पीएम विश्वकर्मा योजना FAQs

  1. क्या पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत सभी कारीगर आवेदन कर सकते हैं?
    हां, योजना के तहत पात्रता मानदंड पूरे करने वाले सभी कारीगर आवेदन कर सकते हैं।
  2. क्या लोन चुकाने की प्रक्रिया आसान है?
    हां, लोन की ईएमआई और ब्याज दरें बहुत कम रखी गई हैं।
  3. ट्रेनिंग कितने समय की होती है?
    ट्रेनिंग की अवधि 6 से 12 महीने होती है, जिसमें उन्नत तकनीक और मार्केटिंग के टिप्स दिए जाते हैं।
  4. क्या योजना में महिला कारीगरों को प्राथमिकता दी जाती है?
    हां, योजना में महिला कारीगरों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाता है।

इस योजना से न केवल पारंपरिक कारीगरों का भविष्य उज्ज्वल होगा, बल्कि भारत के लोकल उत्पाद भी वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाएंगे।

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